हफ्ते में सिर्फ 15 घंटे काम कर साल में 89 लाख रुपये कमाता है 23 साल का यह लड़का!

नई दिल्ली. डिजिटल दुनिया का दायरा जिस रफ्तार से बढ़ रहा है, साइबर अटैक (Cyber Attack) के मामले भी उसी रफ्तार से बढ़ रहे हैं. आईटी (Information Technology) आधारित सुरक्षा परेशानी का सबब बन रही हैं. इन्फॉर्मेशन सिस्टम की सुरक्षा के लिए एथिकल हैकरों (Ethical Hackers) की मांग हर दिन बढ़ रही है, जिससे इस फील्ड में रोजगार के अवसर बढ़े हैं. 23 साल का एक भारतीय हैकर ऑनलाइन बग ढूंढकर साल में 1.25 लाख डॉलर यानी करीब 89 लाख रुपये कमा लेता है.

इस कंपनी के लिए करते हैं काम
शिवम वशिष्ठ एथिकल हैकर हैं और सैन फ्रैंसिस्को स्थित हैकरवन (HackerOne) कंपनी से जुडे हैं जो कंपनियों के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बग को ढूंढती है.


 


इस कंपनी के स्टारबक्स (Starbucks), इंस्टाग्राम (Instagram), गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs), ट्विटर (Twitter), जोमैटो (Zomato) और वनप्लस (OnePlus) जैसे क्लाइंट्स हैं.

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इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटरों से सूचनाओं को अवैध ढंग से प्राप्त करने वालों को हैकर कहा जाता है. इस काम को करने वाले पेशेवर एथिकल हैकर के कहलाते हैं.

हफ्ते में 15 घंटे करते हैं हैकिंग गैजेट 360 की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवम अब अपने भाई को भी हैकिंग सीखा रहे हैं. शिवम ने बताया कि वो एक सप्ताह में लगभग 15 घंटे हैकिंग में बिताता है. कई बार वे किसी चीज पर लगातार कई दिनों तक काम करते हैं और कई बार हफ्तों तक हैकिंग नहीं करते हैं. उन्होंने अपने पिता को रिटायरमेंट लेने में मदद की है और अपने परिवार को दुनिया में कई जगह टूर पर ले गए हैं.

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हैकर द्वारा संचालित सुरक्षा कार्यक्रमों में साल दर साल 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. अमेरिका में हैकर्स ने कुल बाउंटी प्रोग्राम्स में से 19 फीसदी जीते. 10 फीसदी बाउंटी के साथ भारत दूसरे स्थान पर रहा.

19 साल की उम्र से शुरू की हैकिंग
उन्होंने बताया कि उन्होंने 19 साल की उम्र से एथिकल हैकिंग करनी शुरू की. शुरुआत में उनके परिवार को चिंता हुई. लेकिन धीरे-धीरे उन्हें समझ आया कि एथिकल हैकिंग कानूनी रूप से वैध काम है और इसमें करियर बनाया जा सकता है. उन्होंने 20 साल की उम्र में इंस्टाकार्ट से पहली बाउंटी जीती. इसके बाद मास्टरकार्ड से बाउंटी जीती.

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कंपनियां देती हैं बग ढूंढने के लाखों
फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो ने अपने प्लेटफॉर्म पर बग ढूंढने और उन्हें फिक्स करने के लिए अब तक 435 हैकर्स को 70 लाख रुपये से ज्यादा दिए हैं. वनप्लस ने इसी हफ्ते घोषणा की है कि उसने एक सिक्योरिटी रिस्पॉन्स सेंटर सेट-अप किया है जो सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स को अब बाउंटी ऑफर करेगा. एक्पर्ट्स को 50 डॉलर से 7,000 डॉलर की रेंज में इनाम मिलेगा. एपल ने भी बग बाउंटी प्रोग्राम खोला है जहां पर सिक्योरिटी रिसर्चर्स को बग ढूंढने के लिए 1 लाख डॉलर से 10 लाख डॉलर के बीच बाउंटी दी जाएगी.


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